क्यों हुआ ?कैसे हुआ? कब हुआ? पता नहीं , इंसान बना मशीन, भावनाओं का पता नहीं क्यों हुआ ?कैसे हुआ? कब हुआ? पता नहीं , इंसान बना मशीन, भावनाओं का पता नहीं
प्रेम मन की भावनाओं का सुंदर आकाश है जीवन के पथ पर,जीनेे का मंत्र है प्रेम मन की भावनाओं का सुंदर आकाश है जीवन के पथ पर,जीनेे का मंत्र है
इधर कोई पुल टूटा उधर ज़िंदगी पानी में पर्वतों से मैदानों तक मचा हुआ है हाहाकार इधर कोई पुल टूटा उधर ज़िंदगी पानी में पर्वतों से मैदानों तक मचा हुआ ह...
पुलकित धरती,हर्षित काया मुग्ध हुआ देख अपनी छाया निशा शबनमी हुई है निर्झर पुलकित धरती,हर्षित काया मुग्ध हुआ देख अपनी छाया निशा शबनमी हुई है निर्झर
अब कोसते हैं खुद को हम वो नैन तो पतवार थे ! अब कोसते हैं खुद को हम वो नैन तो पतवार थे !
लहरें उठीं ज्वार बन मन में , जीव जंतु खग चहके वन में। लहरें उठीं ज्वार बन मन में , जीव जंतु खग चहके वन में।